ख़ामोशी से क़त्ल करना कोई आपसे सीखे,
ये शाम तो यूँ ही बदनाम है,
आपकी आँखों से पिए जाम का नशा उतारे नहीं उतरता,
कम्बख्त ये शराब तो यूँ ही बदनाम है।
About last evening – January 7, 2018
क्या बताऊँ उसके बारे में,
उसे देखता हूँ तो लगता है जैसे पूरी क़ायनात मुस्कुरा उठी हो,
जैसे ठंडी वसंती फ़िज़ा बहने लगी हो,
जैसी सारी समस्याएं काफूर हो गई हो,
क्या बताऊँ उसके बारे में,
उससे बातें करता हूँ तो वक़्त थम जाता है,
होश खो सा जाता है,
क्या बताऊँ उसके बारे में,
जब वो हसती है तोः खुद को भूल जाता हूँ,
क्या बताऊँ उसके बारे में,
लफ्ज़ कम पड़ जायेंगे,
वक़्त कम पड़ जायेगा।
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About last evening – December 15, 2017
बेवजह तुमसे मिलने के बहाने बनाता हूँ,
इक गुफ्तगू को खाली शाम तलाशता हूँ,
पता है कि तुम मना कर दोगी,
बस उम्मीदों के सहारे दिल को ढाढस बंधाता हूँ।
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About last evening – November 29, 2017
मुस्कुराहट पर मत जाइए जनाब,
अक्सर धोखा दे जाती है,
अंदर से इंसान कितना तन्हा होता है,
मुझसे बेहतर कौन जान सकता है।
About last evening – November 18, 2017
कुछ अलग ही कशिश थी उस शाम की हवाओं में,
ना चाहते हुए भी दिल बन्ध सा गया था,
निगाहें थम गई थी,
उसके चेहरे पर जम सी गई थी,
शायद हमारी बातों में ही कोई कमी रह गई होगी,
वरना एक और मुलाक़ात का हफ़्तों इंतजार ना करना पड़ता।
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About last evening – November 17, 2017
In the middle of dark cloudy night,
Amidst the chilly winds of winter,
When sleep is miles away,
And the heart beats like thunder,
All I can think of is you,
That magical evening and the talks we went through.
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About last evening – November 7, 2017
हमारी कहानी उसी दिन ख़त्म हो गई,
जिस वक़्त हमारी नज़रें तुमसे मिली,
शायद इश्क़ हो गया है तुमसे,
वरना हर मुस्कराहट की वजह तुम ना होती।
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About last evening – November 6, 2017
तुम्हे सोचते सोचते रात यूँ ही निकल जाएगी,
इक तूफ़ान सा है दिल में, नींद कहाँ आएगी,
कल कि मुलाक़ात ना जाने क्या अंजाम लाएगी,
तेरे चेहरे पर मुस्कान आएगी या ख्वाइश अधूरी रह जाएगी।
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About last evening – November 4, 2017
कुछ बातें बिन कहे ब्यान हो जाती हैं,
कुछ इशारे, आँखें सब कह जाती हैं,
इक शाम यूँ ही मोहब्बत हो जाती है,
और किसी शायर को उसकी शायरी मिल जाती है।
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Waqt
राह चलते वक़्त से मुलाक़ात हो गई,
दिल किया कि कुछ तोहफे दे दूँ,
जेबों में हाथ डाला तो बस लम्हों को पाया,
कुछ हँसी के, कुछ गम के,
कुछ सुख के, कुछ रम के,
वक़्त ने कहा रख ले इन्हे अपने पास,
इन लम्हों में ही तेरी ज़िन्दगी है,
पहली नौकरी कि ख़ुशी, पहले प्यार का एहसास,
माँ बाप के आँखों में खुशियों कि बरसात,
जब तुम बूढ़े हो जाओगे,
जब दुनिया में तुम्हारी जरुरत कम होगी,
तब यही लम्हे तुम्हारे जीने का सहारा होंगी।