बेवजह तुमसे मिलने के बहाने बनाता हूँ,
इक गुफ्तगू को खाली शाम तलाशता हूँ,
पता है कि तुम मना कर दोगी,
बस उम्मीदों के सहारे दिल को ढाढस बंधाता हूँ।
बेवजह तुमसे मिलने के बहाने बनाता हूँ,
इक गुफ्तगू को खाली शाम तलाशता हूँ,
पता है कि तुम मना कर दोगी,
बस उम्मीदों के सहारे दिल को ढाढस बंधाता हूँ।